क्या आप जानते है चिकन पॉक्स क्यों होता है ?
चिकन पॉक्स बच्चो में होने वाला आम रोग है यह दो से छह वर्ष के आयु वर्ग में होता है यह रोग आमतौर पर महामारी के रूप में फैलता है जिसे विशेष प्रकार की सूक्ष्मदर्शी से ही देखा जा सकता है इस सूक्ष्म विषाणु का नाम वेरिसेला जॉस्टर है हवा की नमी द्वारा इसके इसके विषाणु यह बीमारी तेजी से फेल देते है जब कोई बच्चा चिकन पॉक्स से ग्रस्त हो जाता है तो उसके शरीर पर छोटे छोटे दाने निकलते है ये दाने फेफ़ोलों की तरह होते है इनमे साफ तर्क पदार्थ भरा होता है इस रोग के कोई पूर्व सूचक लक्षण नही होते केवल 24 घण्टे के लिए हल्का सा बुखार आता है और शरीर पर दाने उबर आते है लगभग तीन दिन तक ये दाने शरीर पर उभरते रहते है इसके बाद दूधिया रंगत लेने लगते है इन तीन दिनों के अंत तक इनका विभिनन अवस्थाओ में विकास और क्ष्य होता रहता है जब तक चिकन पॉक्स के फेफ़ोलों में द्रव पदार्थ भरा रहता है तब तक बीमारी के फैलने का खतरा बना रहता है क्योकि इस तरल पदार्थ में रोग के विषाणु मौजूद होते है और खजाने से ये फेफोले फूट जाते है इससे इस बीमारी के विषाणु मुक्त होकर दूसरे बच्चो में इसको फैलाते है For More visit https://www.healthsolution.co.in
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Saturday, 30 July 2016
Friday, 29 July 2016
इस छोटे से प्रयोग से कभी नही होगा कैंसर | Cancer se Bachne ka Tarika
इस छोटे से प्रयोग से कभी नही होगा कैंसर | Cancer se Bachn ka Tarika
कैंसर एक भयावह परिस्थिति है, अगर आप चाहते हैं के आपको कभी कैंसर जैसा रोग ना हो तो आपको अपने भोजन में बस एक छोटा सा परिवर्तन करना होगा। इस से आप कैंसर से सदा बचे रह सकते हैं। तो आइये जाने For More Visit https://www.healthsolution.co.in
- नित्य भोजन के आधा या एक घण्टे के बाद एक या दो लहसुन की कली कच्ची ही छीलकर चबाया करे ऐसा करने से पेट में कैंसर नही होता कैंसर हो भी गया है तो लहसुन की एक दो कली पीसकर पानी में घोलकर नित्य खाने के बाद आवश्यकता अनुसार लगातार एक दो मास तक पीने से पेट के कैंसर में बहुत आराम मिलता है
- देसी गाय के दूध से बनी दही खाने से पेट के कैंसर होने की सम्भावना नही रहती है
- भारतीय देसी गाय के दूध को पीने से भी कैंसर नही होता है
मुख्य बात तनाव मुक्त रहे और कैंसर से बचे नवीन खोजो के अनुसार कैंसर का मुख्य करना मानसिक तनाव है और शरीर के किस भाग में होगा यह मानसिक तनाव के स्वरूप पर निर्भर है
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Video Link :- https://youtu.be/YZunLfDtryY
Channel Link :- https://www.youtube.com/channel/UCuTaOlEFabfvymTBquXkI7w
कैंसर एक भयावह परिस्थिति है, अगर आप चाहते हैं के आपको कभी कैंसर जैसा रोग ना हो तो आपको अपने भोजन में बस एक छोटा सा परिवर्तन करना होगा। इस से आप कैंसर से सदा बचे रह सकते हैं। तो आइये जाने For More Visit https://www.healthsolution.co.in
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- देसी गाय के दूध से बनी दही खाने से पेट के कैंसर होने की सम्भावना नही रहती है
- भारतीय देसी गाय के दूध को पीने से भी कैंसर नही होता है
मुख्य बात तनाव मुक्त रहे और कैंसर से बचे नवीन खोजो के अनुसार कैंसर का मुख्य करना मानसिक तनाव है और शरीर के किस भाग में होगा यह मानसिक तनाव के स्वरूप पर निर्भर है
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Thursday, 28 July 2016
फटी एडिंयो के लिए जबरदस्त घरेलू उपचार | Get Beautiful Feet at Home
फटी एडिंयो के लिए जबरदस्त घरेलू उपचार
एड़ियां फटने पर प्रतिदिन स्नान के समय थोड़ी देर अपनी एड़ियो को पानी में भिगो ले और जब एड़ियो की त्वचा फूल जाये तब खुरदरे पत्थर मैल खोरे या नायलोन के ब्रश से उन्हें रगड़कर वेसलीन लगा ले
अत्यधिक गर्मी या सर्दी में प्रायः एड़ियां फटने की शिकायत होती है एड़ियां धूल फटने के कारण फटती है अत रात में रोजाना सोते समय गुनगुने पानी में निम्बू निचोड़ कर उससे पावो को भली प्रकार धोये और फिर वेसलीन या गिल्सरीन लगा ले for more visit https://www.healthsolution.co.in
अत्यधिक फटने व् खून निकलने की स्थिति में एड़ियो को रात को गर्म पानी से धोकर गर्म मोम लगा लेने से ठीक हो जाती है
मेहँदी लगाने से एड़ियो की त्वचा बरकार रहती है और उनमे हल्का गुलाबी रंग उबर आता है
बिवाइयों को ठीक करने के लिए मरहम बना कर लगाए सफेद वेसलीन सौ ग्राम ,मोम पचास ग्राम ,गिल्सरीन बिस ग्राम ,दो निम्बू का रस छना हुआ खुसबू जितनी आवश्यक समझे
विधि :-
सफेद वेसलीन व् मोम को एक छोटी भगोनी में डाल दे आंच पर एक भगोने में आधे हिस्से तक पानी भरकर गर्म होने के लिए रख देवे जब पानी उबलने लग जाये तो उसमे छोटी भिगोनी को रख दे ध्यान रहे की पानी छोटी भिगोनी के अंदर न जाये जब सफेद वेसलीन व् मोम पिघल कर एक हो जाये तो उन्हें लकड़ी की डंडी से हिलाये और इसमे गिल्सरीन डालकर अछि प्रकार से हिला दे यदि हम जमने लगे तो फिर से गर्म पानी के भगोने में रख दे अब इसमे निम्बू ,गुलाब ,चमेली व् मोगरा जिसकी भी सुगंद पसन्द हो उसका अर्क डाल दे तथा गर्म गर्म को ही किसी चौड़े मुह वाली शीशियों में भरकर ठंडी होने के लिए रख दे यह उपयोगी मरहम तैयार है
इसका त्वचा पर रात्रि को सोने से पूर्व प्रयोग करे स्नान करने के पश्चात नही लगाए अन्यथा दिन भर वातावरण में उपस्थित मिटटी त्वचा पर चिपक जाएगी इसे उंगलियो व् पैरो पर लगाकर धीरे धीरे हाथ से त्वचा पर मलिए इससे त्वचा चिकनी कोमल बनती है तथा बिवाई ठीक हो जाती है
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Video Link :- https://youtu.be/JC7H6HMwkp4
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एड़ियां फटने पर प्रतिदिन स्नान के समय थोड़ी देर अपनी एड़ियो को पानी में भिगो ले और जब एड़ियो की त्वचा फूल जाये तब खुरदरे पत्थर मैल खोरे या नायलोन के ब्रश से उन्हें रगड़कर वेसलीन लगा ले
अत्यधिक गर्मी या सर्दी में प्रायः एड़ियां फटने की शिकायत होती है एड़ियां धूल फटने के कारण फटती है अत रात में रोजाना सोते समय गुनगुने पानी में निम्बू निचोड़ कर उससे पावो को भली प्रकार धोये और फिर वेसलीन या गिल्सरीन लगा ले for more visit https://www.healthsolution.co.in
अत्यधिक फटने व् खून निकलने की स्थिति में एड़ियो को रात को गर्म पानी से धोकर गर्म मोम लगा लेने से ठीक हो जाती है
मेहँदी लगाने से एड़ियो की त्वचा बरकार रहती है और उनमे हल्का गुलाबी रंग उबर आता है
बिवाइयों को ठीक करने के लिए मरहम बना कर लगाए सफेद वेसलीन सौ ग्राम ,मोम पचास ग्राम ,गिल्सरीन बिस ग्राम ,दो निम्बू का रस छना हुआ खुसबू जितनी आवश्यक समझे
विधि :-
सफेद वेसलीन व् मोम को एक छोटी भगोनी में डाल दे आंच पर एक भगोने में आधे हिस्से तक पानी भरकर गर्म होने के लिए रख देवे जब पानी उबलने लग जाये तो उसमे छोटी भिगोनी को रख दे ध्यान रहे की पानी छोटी भिगोनी के अंदर न जाये जब सफेद वेसलीन व् मोम पिघल कर एक हो जाये तो उन्हें लकड़ी की डंडी से हिलाये और इसमे गिल्सरीन डालकर अछि प्रकार से हिला दे यदि हम जमने लगे तो फिर से गर्म पानी के भगोने में रख दे अब इसमे निम्बू ,गुलाब ,चमेली व् मोगरा जिसकी भी सुगंद पसन्द हो उसका अर्क डाल दे तथा गर्म गर्म को ही किसी चौड़े मुह वाली शीशियों में भरकर ठंडी होने के लिए रख दे यह उपयोगी मरहम तैयार है
इसका त्वचा पर रात्रि को सोने से पूर्व प्रयोग करे स्नान करने के पश्चात नही लगाए अन्यथा दिन भर वातावरण में उपस्थित मिटटी त्वचा पर चिपक जाएगी इसे उंगलियो व् पैरो पर लगाकर धीरे धीरे हाथ से त्वचा पर मलिए इससे त्वचा चिकनी कोमल बनती है तथा बिवाई ठीक हो जाती है
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Monday, 25 July 2016
क्या आप जानते है क्यों आती है पैरों से बदबू?
क्या आप जानते है क्यों आती है पैरों से बदबू?
कोई भी व्यक्ति जब जूते निकालता है तो उसके पैरों से अजीब सी बदबू आती है समान्यता यह कहा जाता है की मोज़े में बन्द होने के कारण बदबू आती है कुछ लोगो का यह भी मानना है की मोज़े का साफ नही होना इस दुर्गंद का कारण है दरअसल पैरों सी आने वाली दुर्गन्ध का मुख्य कारण वः बैक्टीरिया है या जीवाणु होते है जो पसीने के कारण पैरों में उतपन्न होते है ये कीटाणु पैरों में पाई जाने वाली करीब 2 लाख 50 हजार स्वेत ग्रन्थियों सी होने वाले स्त्राव का सेवन करते है और इनकी मौजूदगी ही दुर्गन्ध का कारण बनती है जिन व्यक्तियों को अधिक पसीना आता है उनके पैरों सी आने वाली गन्ध भी काफी तीखी होती है जबकि कम पसीने वाले व्यक्तियों के पैरों सी कम दुर्गन्ध आती है इस दुर्गन्ध को और बढ़ाने का काम जूते और मोज़े करते है जिनके कारण पसीना पैरों में ही फंस कर रह जाता है और यह गीलापन व् अन्धेरा बैक्टीरिया को अधिक आकर्षित करता है इस दुर्गन्ध सी बचने के लिए व्यक्ति जूते और मोज़े डालता है जो पसीना सोखकर पैरों को सूखा रखने में मदद करता है For More Visit https://www.healthsolution.co.in
#क्या आप जानते है क्यों आती है पैरों से बदबू?,#health solution,#how make smell on foot,#amazing health solution,#healthtreatment,
Video Link :- https://youtu.be/9AFNM__b5WY
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कोई भी व्यक्ति जब जूते निकालता है तो उसके पैरों से अजीब सी बदबू आती है समान्यता यह कहा जाता है की मोज़े में बन्द होने के कारण बदबू आती है कुछ लोगो का यह भी मानना है की मोज़े का साफ नही होना इस दुर्गंद का कारण है दरअसल पैरों सी आने वाली दुर्गन्ध का मुख्य कारण वः बैक्टीरिया है या जीवाणु होते है जो पसीने के कारण पैरों में उतपन्न होते है ये कीटाणु पैरों में पाई जाने वाली करीब 2 लाख 50 हजार स्वेत ग्रन्थियों सी होने वाले स्त्राव का सेवन करते है और इनकी मौजूदगी ही दुर्गन्ध का कारण बनती है जिन व्यक्तियों को अधिक पसीना आता है उनके पैरों सी आने वाली गन्ध भी काफी तीखी होती है जबकि कम पसीने वाले व्यक्तियों के पैरों सी कम दुर्गन्ध आती है इस दुर्गन्ध को और बढ़ाने का काम जूते और मोज़े करते है जिनके कारण पसीना पैरों में ही फंस कर रह जाता है और यह गीलापन व् अन्धेरा बैक्टीरिया को अधिक आकर्षित करता है इस दुर्गन्ध सी बचने के लिए व्यक्ति जूते और मोज़े डालता है जो पसीना सोखकर पैरों को सूखा रखने में मदद करता है For More Visit https://www.healthsolution.co.in
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Saturday, 23 July 2016
क्या आप जानते है? क्यों होता है गर्भस्राव? गर्भस्राव रोकने के अचूक उपाय....
क्या आप जानते है? क्यों होता है गर्भस्राव? गर्भस्राव रोकने के अचूक उपाय
तीन माह से पूर्व यदि गर्भ गिरता है तो गर्भस्राव कहलाता है जब गर्भस्राव होता है तो रक्तस्त्राव होने लगता है यदि रक्तस्त्राव के साथ दर्द रहे तो गर्भस्राव होने की अत्यधिक सम्भावनाएं होती है For More Visit https://www.healthsolution.co.in
कारण :-
नई बीमारिया, जैसे-निमोनिया ,सक्रामक -ज्वर ,पुरानी बीमारिया ,जैसे सिफलिस .टी.बी | गर्भाशय संबंधी परेशानी ,पेट में आघात लगना,भय ,मानसिक आघात ,बच्चे का ठीक ढ़ंग से निर्माण व् विकास न होना ,गर्भस्राव होने की पृवृत्ति,विटामिन इ की कमी आदि अनेक कारणों से गर्भस्राव होता है यदि किसी स्त्री को लगातार दो बार गर्भपात हो चूका है तो अगला गर्भ भी गिरने की सम्भावना हो सकती है तीन बार गर्भ गिरने पर तो चौथी बार गर्भस्राव होने की अत्यधिक सम्भावना होती है क्षयग्रस्त स्त्रियां जो नाजुक कोमल प्रकृति की होती है प्राय: गर्भस्राव करती है
गर्भस्राव रोकने के सहायक उपाय :-
जिस स्त्री को गर्भस्राव होता हो उसे भारी बोझा नहीं उठाना चाहिए आराम करना चाहिए रक्तस्त्राव तथा पेट दर्द होने पर तो पूर्ण आराम करना चाहिए रक्तस्त्राव की स्थिति में चारपाई के पाँव की और के पायो के निचे ईंट लगाकर ऊँची कर देनी चाहिए जो कारण समझ में आये उन्हें दूर करना चाहिए स्वस्थ माँ ही स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है
चिकित्सा :-
जिन्हें बार-बार गर्भस्राव हो उन्हें गर्भधारण के प्रथम माह से ही चिकित्सा आरम्भ कर देनी चाहिए जिन्हें गर्भस्राव की प्रवर्ति हो उन्हें बिना गर्भ के ही सतर्कता ,गर्भस्राव रोकने वाली वस्तुए सेवन करते रहना चाहिए
विटामिन इ :-
यह गेहूँऔर अन्य बीजों के फूटते अंकुरो से मिलता है कोमल पत्तो और दूध में मिलता है गर्भधारण और स्वस्थ गर्भ के लिए यह आवश्यक है
पिस्ता :-
पिस्ते से भी विटामिन इ मिलता है जो गर्भस्राव को रोकता है
अनार :-
100 ग्राम के ताज पत्ते पीसकर पानी में छानकर पिलाने और पत्तो का रस पेडू पर लेप करने से गर्भस्राव रुक जाता है
सिंघाड़ा :-
गर्भाशय की निर्बलता से गर्भ नहीं ठहरता गर्भस्राव हो जाता है इसमें कुछ सप्ताह ताजा सिंघाड़े खाने से लाभ होता है
चना :-
यदि गर्भपात का भय हो तो काले चनो का काढ़ा पिलाए
फिटकरी :-
पिसी हुई फिटकरी चौथाई चम्मच एक कप कच्चे दूध में डालकर लस्सी बनाकर पिलाने से गर्भपात रुक जाता है गर्भपात के समय जब दर्द रक्तस्त्राव हो रहा हो तो हर दो-दो घण्टे में एक खुराक दे
सौंफ :-
यदि बार-बार गर्भपात होता हो तो गर्भधारण करने के बाद 62 ग्राम सौंफ 31 ग्राम गुलाब का गुलकंद पीसकर पानी मिलाकर एक बार नित्य पिलाने से गर्भपात नहीं होता पुरे गर्भकाल में सौंफ का अर्क पीते रहने से गर्भ स्थिर रहता है
जौ :-
12 ग्राम जौ का छना हुआ आटा 12 ग्राम काले तिल और 12 ग्राम शक़्कर महीन पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से गर्भपात नहीं होता
Video Link :- https://youtu.be/C-UT4Lsllf0
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तीन माह से पूर्व यदि गर्भ गिरता है तो गर्भस्राव कहलाता है जब गर्भस्राव होता है तो रक्तस्त्राव होने लगता है यदि रक्तस्त्राव के साथ दर्द रहे तो गर्भस्राव होने की अत्यधिक सम्भावनाएं होती है For More Visit https://www.healthsolution.co.in
कारण :-
नई बीमारिया, जैसे-निमोनिया ,सक्रामक -ज्वर ,पुरानी बीमारिया ,जैसे सिफलिस .टी.बी | गर्भाशय संबंधी परेशानी ,पेट में आघात लगना,भय ,मानसिक आघात ,बच्चे का ठीक ढ़ंग से निर्माण व् विकास न होना ,गर्भस्राव होने की पृवृत्ति,विटामिन इ की कमी आदि अनेक कारणों से गर्भस्राव होता है यदि किसी स्त्री को लगातार दो बार गर्भपात हो चूका है तो अगला गर्भ भी गिरने की सम्भावना हो सकती है तीन बार गर्भ गिरने पर तो चौथी बार गर्भस्राव होने की अत्यधिक सम्भावना होती है क्षयग्रस्त स्त्रियां जो नाजुक कोमल प्रकृति की होती है प्राय: गर्भस्राव करती है
गर्भस्राव रोकने के सहायक उपाय :-
जिस स्त्री को गर्भस्राव होता हो उसे भारी बोझा नहीं उठाना चाहिए आराम करना चाहिए रक्तस्त्राव तथा पेट दर्द होने पर तो पूर्ण आराम करना चाहिए रक्तस्त्राव की स्थिति में चारपाई के पाँव की और के पायो के निचे ईंट लगाकर ऊँची कर देनी चाहिए जो कारण समझ में आये उन्हें दूर करना चाहिए स्वस्थ माँ ही स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है
चिकित्सा :-
जिन्हें बार-बार गर्भस्राव हो उन्हें गर्भधारण के प्रथम माह से ही चिकित्सा आरम्भ कर देनी चाहिए जिन्हें गर्भस्राव की प्रवर्ति हो उन्हें बिना गर्भ के ही सतर्कता ,गर्भस्राव रोकने वाली वस्तुए सेवन करते रहना चाहिए
विटामिन इ :-
यह गेहूँऔर अन्य बीजों के फूटते अंकुरो से मिलता है कोमल पत्तो और दूध में मिलता है गर्भधारण और स्वस्थ गर्भ के लिए यह आवश्यक है
पिस्ता :-
पिस्ते से भी विटामिन इ मिलता है जो गर्भस्राव को रोकता है
अनार :-
100 ग्राम के ताज पत्ते पीसकर पानी में छानकर पिलाने और पत्तो का रस पेडू पर लेप करने से गर्भस्राव रुक जाता है
सिंघाड़ा :-
गर्भाशय की निर्बलता से गर्भ नहीं ठहरता गर्भस्राव हो जाता है इसमें कुछ सप्ताह ताजा सिंघाड़े खाने से लाभ होता है
चना :-
यदि गर्भपात का भय हो तो काले चनो का काढ़ा पिलाए
फिटकरी :-
पिसी हुई फिटकरी चौथाई चम्मच एक कप कच्चे दूध में डालकर लस्सी बनाकर पिलाने से गर्भपात रुक जाता है गर्भपात के समय जब दर्द रक्तस्त्राव हो रहा हो तो हर दो-दो घण्टे में एक खुराक दे
सौंफ :-
यदि बार-बार गर्भपात होता हो तो गर्भधारण करने के बाद 62 ग्राम सौंफ 31 ग्राम गुलाब का गुलकंद पीसकर पानी मिलाकर एक बार नित्य पिलाने से गर्भपात नहीं होता पुरे गर्भकाल में सौंफ का अर्क पीते रहने से गर्भ स्थिर रहता है
जौ :-
12 ग्राम जौ का छना हुआ आटा 12 ग्राम काले तिल और 12 ग्राम शक़्कर महीन पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से गर्भपात नहीं होता
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Friday, 22 July 2016
क्या आप जानते है? अनार जितना ही गुणकारी है अनार का छिलका
क्या आप जानते है? अनार जितना ही गुणकारी है अनार का छिलका
अनार हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी होता है हम सब जानते है पर क्या आप जानते है कि अनार का छिलका जिसको आप कूड़ा समझकर फेंक देते है वह भी हमारे लिए अनार जितना ही उपयोगी है आइये जानते है अनार के छिलकों के फायदे
अनार के छिलकों के फायदे :-
1 . अनार के छिलकों को फेंके नही सुखाकर पीस ले जब भी पेट दर्द हो दूध के साथ फांकी मार ले
2 . अनार के छिलकों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से मुंह कि दुर्गन्ध दूर होती है
3 . खांसी होने पर अनार के छिलके मुंह में रखकर चूसने से खांसी में आराम मिलता है
4 . अनार के छिलके लहसुन के साथ पीसकर फोड़े ,दाद-खाज पर लगाने से फायदा होता है
5 . अनार के छिलकों का चूर्ण एक-एक चम्मच सुबह -शाम ठंडे पानी के साथ लेने से अधिक होने वाला मासिक स्त्राव बंद हो जाता है
6 . अनार के सूखे छिलके व् लॉन्ग पानी में उबालकर पिने से दस्त व् पेचिस में लाभ होता है
7 . अनार के छिलकों का एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ सुबह-शाम लेने से बहुमूत्रता में लाभ होता है
8 . अनार के छिलकों का चूर्ण शहद मिलाकर लेने से दमा और शवास में फायदा होता है
9 . अनार के छिलकों को सुखाकर पीसकर गुलाबजल मिलाकर उबटन करने से शरीर के दाग और चेहरे कि छाइया मिटती है
10 . अनार के छिलकों को पीसकर हल्दी मिलाकर अंदुरनी चोट नील आदि पर बांधने से पीड़ा दूर होती है
Video Link :- https://youtu.be/vkuLN6U_Tg0
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अनार हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी होता है हम सब जानते है पर क्या आप जानते है कि अनार का छिलका जिसको आप कूड़ा समझकर फेंक देते है वह भी हमारे लिए अनार जितना ही उपयोगी है आइये जानते है अनार के छिलकों के फायदे
अनार के छिलकों के फायदे :-
1 . अनार के छिलकों को फेंके नही सुखाकर पीस ले जब भी पेट दर्द हो दूध के साथ फांकी मार ले
2 . अनार के छिलकों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से मुंह कि दुर्गन्ध दूर होती है
3 . खांसी होने पर अनार के छिलके मुंह में रखकर चूसने से खांसी में आराम मिलता है
4 . अनार के छिलके लहसुन के साथ पीसकर फोड़े ,दाद-खाज पर लगाने से फायदा होता है
5 . अनार के छिलकों का चूर्ण एक-एक चम्मच सुबह -शाम ठंडे पानी के साथ लेने से अधिक होने वाला मासिक स्त्राव बंद हो जाता है
6 . अनार के सूखे छिलके व् लॉन्ग पानी में उबालकर पिने से दस्त व् पेचिस में लाभ होता है
7 . अनार के छिलकों का एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ सुबह-शाम लेने से बहुमूत्रता में लाभ होता है
8 . अनार के छिलकों का चूर्ण शहद मिलाकर लेने से दमा और शवास में फायदा होता है
9 . अनार के छिलकों को सुखाकर पीसकर गुलाबजल मिलाकर उबटन करने से शरीर के दाग और चेहरे कि छाइया मिटती है
10 . अनार के छिलकों को पीसकर हल्दी मिलाकर अंदुरनी चोट नील आदि पर बांधने से पीड़ा दूर होती है
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Thursday, 21 July 2016
चेहरे को सुंदर बनाने दाग धब्बे दूर करने के लिए भाप स्नान
चेहरे को सुंदर बनाने दाग धब्बे दूर करने के लिए भाप स्नान
चेहरे की सुंदरता चेहरे पर कील मुँहासे दाग धब्बे दूर करने के लिए भाप स्नान लाभदायक है भाप स्नान बनाने के लिए किसी चौड़े मुंह के बर्तन में पानी खोलाये पानी में एक चम्मच गिलसरिन डाल दे चेहरे को पहले गर्म पानी से धोए तथा इसके बाद ठंडे पानी से धोकर पोछे इसके पशचात नमक रहित मक्खन की मालिश करे मालिश करते समय ध्यान रहे की अंगुलियों का क्रम नीचे से ऊपर की और गाल व् ठोड़ी पर गोल मालिश करे जब पूरा मक्खन पिघल जाये तो उबलते हुए पानी जिसमे से भाप निकल रही हो पर चेहरे रखकर किसी तोलिये से अपना चेहरा सर तक ढक ले दस मिनिट तक अपना चेहरा ढके रखे थोड़ी देर बाद आपको पसीने की धार बहती हुई महसूस होगी अब तौलिया हटाकर किसी खुरदरे तोलिये से अपना चेहरा पोंछ ले पांच मिनिट बाद बर्फ के ठंडे पानी छींटे अपने चेहरे पर दे इसके बाद हथेली पर कोल्ड क्रीम लेकर चेहरे पर धीरे-धीरे मले आधे घण्टे बाद चेहरा धो ले साबुन का प्रयोग न करे आप जब शीशे के सामने खड़ी होंगी तो आपको महसूस होगा की आपका चेहरा खिले फूल की तरह स्वच्छ कोमल हो उठा है जो कील मुँहासे इत्यादि से परेशान है उनके लिए यह किर्या बहुत फायदेमंद है कील मुहांसो पर भाप लगने से इनका मुंह खुल जाता है और सारी गंदगी बाहर आ जाती है इस विधि से कील का दाग भी नहीं पड़ता है चेहरे पर मुहांसे काफी मात्रा में हो तो रात को सोने से पहले भाप से चेहरे का स्नान करे और फिर निम्बू और नारियल का तेल मिलकर लगाए प्रांत गुनगुने पानी से धो ले कुछ ही दिनों में मुँहासे मिटते दिखाई देंगे
मुहासो को अंगुलिो से दबाने पर काले रंग के धब्बे पड़ जाते है अक्सर मुँहासे पेट की गड़बड़ व् कब्ज के कारण होते है मुहासों से छुटकारा पाने के लिए खान पान पर ध्यान देने के साथ साथ चेहरे को साफ रखना भी जरूरी है
मुहासों के निसान मिटाने के लिए चेहरे पर निम्बू का रस लगाना चाहिए जरा सी मलाई में कुछ बुँदे निम्बू के रस की डालकर दोनों हाथो से चेहरे पर 10 से 15 मिनिट मालिश करने के बाद पानी से मुंह धोकर पोछ लिया जाये तो चेहरे का रक्त संचार बढ़ जाता है
चेहरे पर कोमलता और निखर बढ़ जाता है त्वचा के दाग हल्के पड़ जाते है मुहासों के दाग खीरे के रस में चिरोंजी पीसकर लगाने से कुछ ही समय में ठीक हो जाते है सुबह पानी के साथ एक निम्बू डालकर पिने से पेट साफ रहता है
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चेहरे की सुंदरता चेहरे पर कील मुँहासे दाग धब्बे दूर करने के लिए भाप स्नान लाभदायक है भाप स्नान बनाने के लिए किसी चौड़े मुंह के बर्तन में पानी खोलाये पानी में एक चम्मच गिलसरिन डाल दे चेहरे को पहले गर्म पानी से धोए तथा इसके बाद ठंडे पानी से धोकर पोछे इसके पशचात नमक रहित मक्खन की मालिश करे मालिश करते समय ध्यान रहे की अंगुलियों का क्रम नीचे से ऊपर की और गाल व् ठोड़ी पर गोल मालिश करे जब पूरा मक्खन पिघल जाये तो उबलते हुए पानी जिसमे से भाप निकल रही हो पर चेहरे रखकर किसी तोलिये से अपना चेहरा सर तक ढक ले दस मिनिट तक अपना चेहरा ढके रखे थोड़ी देर बाद आपको पसीने की धार बहती हुई महसूस होगी अब तौलिया हटाकर किसी खुरदरे तोलिये से अपना चेहरा पोंछ ले पांच मिनिट बाद बर्फ के ठंडे पानी छींटे अपने चेहरे पर दे इसके बाद हथेली पर कोल्ड क्रीम लेकर चेहरे पर धीरे-धीरे मले आधे घण्टे बाद चेहरा धो ले साबुन का प्रयोग न करे आप जब शीशे के सामने खड़ी होंगी तो आपको महसूस होगा की आपका चेहरा खिले फूल की तरह स्वच्छ कोमल हो उठा है जो कील मुँहासे इत्यादि से परेशान है उनके लिए यह किर्या बहुत फायदेमंद है कील मुहांसो पर भाप लगने से इनका मुंह खुल जाता है और सारी गंदगी बाहर आ जाती है इस विधि से कील का दाग भी नहीं पड़ता है चेहरे पर मुहांसे काफी मात्रा में हो तो रात को सोने से पहले भाप से चेहरे का स्नान करे और फिर निम्बू और नारियल का तेल मिलकर लगाए प्रांत गुनगुने पानी से धो ले कुछ ही दिनों में मुँहासे मिटते दिखाई देंगे
मुहासो को अंगुलिो से दबाने पर काले रंग के धब्बे पड़ जाते है अक्सर मुँहासे पेट की गड़बड़ व् कब्ज के कारण होते है मुहासों से छुटकारा पाने के लिए खान पान पर ध्यान देने के साथ साथ चेहरे को साफ रखना भी जरूरी है
मुहासों के निसान मिटाने के लिए चेहरे पर निम्बू का रस लगाना चाहिए जरा सी मलाई में कुछ बुँदे निम्बू के रस की डालकर दोनों हाथो से चेहरे पर 10 से 15 मिनिट मालिश करने के बाद पानी से मुंह धोकर पोछ लिया जाये तो चेहरे का रक्त संचार बढ़ जाता है
चेहरे पर कोमलता और निखर बढ़ जाता है त्वचा के दाग हल्के पड़ जाते है मुहासों के दाग खीरे के रस में चिरोंजी पीसकर लगाने से कुछ ही समय में ठीक हो जाते है सुबह पानी के साथ एक निम्बू डालकर पिने से पेट साफ रहता है
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Wednesday, 20 July 2016
क्या आप जानते है? हमारे पेट में कीड़े क्यों होते है
क्या आप जानते है? हमारे पेट में कीड़े क्यों होते है
कुछ बच्चों के पेट में कीड़े हो जाते है ये कीड़े आमतौर पर केंचुए के आकर के होते है इन्हे गोल क्रीमी कहते है क्या आप जानते है की ये कीड़े पेट में क्यों होते है इन कीड़ों के अंडे आमतौर पर फलों,सब्जियों ,खुली मिठाई और बाजार में बिकने वाली खुली खाद्य वस्तुअो में होते है फलों सब्जिओं को बिना धोए खाने से और खुली मिठाई व् बाजारू चीजे खाने पर ये अंडे हमारे शरीर में पहुंच जाते है पेट में इन अंडो से केंचुए के आकर के कीड़े हमारी आंतो में पैदा हो जाते है आंतो में ये कीड़े बड़े आराम से रहते है क्योकि वहां इन्हे हमारा खाया हुआ भोजन मिल जाता है जो भोजन हमारे शरीर को मिलना चाहिए उसका बहुत सारा अंस ये कीड़े खा जाते है परिणाम यह होता है की इनकी उपस्थिति के कारण आदमी दिन प्रतिदिन कमजोर होता जाता है इन कृमियों की त्वचा काफी सख्त होती है जिस पर हमारे पेट में उपस्थित पाचक रसो और अम्लों का कोई प्रभाव नहीं होता है गोल कृमि मनुष्य और पशुओं की आंतो में रहते है मादा गोल कृमि 30 सेमी तक बढ़ती है जबकि नर इससे कुछ छोटा होता है गोल कृमि पैदा न हो इसके लिए यह आवशयक है की हम साफ और स्वस्छ पदार्थ ही खाये
Video Link :- https://youtu.be/DpMfufK-Ju8
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कुछ बच्चों के पेट में कीड़े हो जाते है ये कीड़े आमतौर पर केंचुए के आकर के होते है इन्हे गोल क्रीमी कहते है क्या आप जानते है की ये कीड़े पेट में क्यों होते है इन कीड़ों के अंडे आमतौर पर फलों,सब्जियों ,खुली मिठाई और बाजार में बिकने वाली खुली खाद्य वस्तुअो में होते है फलों सब्जिओं को बिना धोए खाने से और खुली मिठाई व् बाजारू चीजे खाने पर ये अंडे हमारे शरीर में पहुंच जाते है पेट में इन अंडो से केंचुए के आकर के कीड़े हमारी आंतो में पैदा हो जाते है आंतो में ये कीड़े बड़े आराम से रहते है क्योकि वहां इन्हे हमारा खाया हुआ भोजन मिल जाता है जो भोजन हमारे शरीर को मिलना चाहिए उसका बहुत सारा अंस ये कीड़े खा जाते है परिणाम यह होता है की इनकी उपस्थिति के कारण आदमी दिन प्रतिदिन कमजोर होता जाता है इन कृमियों की त्वचा काफी सख्त होती है जिस पर हमारे पेट में उपस्थित पाचक रसो और अम्लों का कोई प्रभाव नहीं होता है गोल कृमि मनुष्य और पशुओं की आंतो में रहते है मादा गोल कृमि 30 सेमी तक बढ़ती है जबकि नर इससे कुछ छोटा होता है गोल कृमि पैदा न हो इसके लिए यह आवशयक है की हम साफ और स्वस्छ पदार्थ ही खाये
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Tuesday, 19 July 2016
जानें क्यों बॉडीबिल्डर्स को खाना चाहिए फिश ऑयल
जानें क्यों बॉडीबिल्डर्स को खाना चाहिए फिश ऑयल
अगर आप बॉडीबिल्डिंग के दौरान मशल्स को मजबूत बनाने के लिए कई सारे सप्लीमेंट ले रहे हैं तो केवल एक फिश ऑयल सप्लीमेंट लें। फिश ऑयल सप्लीमेंट के शरीर को मजबूत बनाने के अलावा कई सारे अन्य फायदे भी पहुंचाता है। इन फायदों के बारे में इस वीडियो में जानें। For More Visit https://www.healthsolution.co.in
• 1
फैट कम करें
फिश ऑयल खाने का सबसे अधिक फायदा है कि ये वजन घटाने में मदद करता है। कई रिपोर्ट्स में इस बात की पुष्टि हुई है कि फिश ऑयल में ऐसे सप्लीमेंट्स होते हैं जो बॉडीब्लिडंग के दौरान फैट कम करने में मदद करते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ आस्ट्रेलिया में हुई एक शोध के अनुसार प्रतिदिन छह ग्राम फिश ऑयल सप्लीमेंट लेने से 1.2 फीसदी फैट कम होता है। इस शोध में बॉडीबिल्डर के दो समूह पर शोध किया गया था। एक समूह हर रोज छह ग्राम फिश ऑयल सप्लीमेंट लेता था और दूसरा समूह फिश ऑयल सप्लीमेंट बिल्कुल नहीं लेता था। शोध के अंत में फिश ऑयल लेने वाले समूह में हर व्यक्ति का फैट लूज़ हुआ वहीं जिस समूह ने फिश ऑयल नहीं लिया उनमें फैट कमी करने में बिल्कुल कमी नहीं आई।
• 2
बीपी की समस्या दूर करे
बॉडीबिल्डर्स को सामान्य तौर पर हाई बीपी का खतरा होता है। ऐसा उनके बहुत अधिक हैवी वर्कआउट करने और बहुत अधिक red मीट व अंडा खाने के कारण होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ आस्ट्रेलिया में हुए शोध के अनुसार red मीट ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। बॉडीबल्डिर्स Red मीट प्रोटीन की खुराक लेने के लिए खाते हैं लेकिन ये कहीं ना कहीं उनमें बीपी की समस्या भी पैदा कर देता है। वहीं साइंटिफिक तौर पर ये साबित हुआ है कि फिश ऑयल सप्लीमेंट बीपी कम रखता है। लो बीपी स्वस्थ जीवन जीने में काफी जरूरी होता है। बीपी जितना कम होगा दिल से जुड़ी बीमारियां उतनी कम होगी।
• 3
कोलेस्ट्रॉल संतुलित करे
फिश ऑयल के सप्लीमेंट लेने से बल्ड कोलेस्ट्रॉल सामान्य रहता है। रोजाना 3-6 ग्राम फिश ऑयल लेने से एचडीएल और एलडीएल का अनुपात शरीर में संतुलित रहता है। लेकिन अगर आप फिश ऑयल सप्लीमेंट लेना शुरू कर रहे हैं तो अपने खाने में ताजे फल और हरी सब्जियां भी खाइए। इससे फिश ऑयल सप्लीमेंट के विटामिन्स को संतुलित करने में मदद मिलेगी।
• 4
हड्डियां मजबूत बनाएं
जैसे जैसे आप बड़े होते जाते हैं और उम्र बढ़ते जाती हैं वैसे वैसे हड्डियां घिसते जाती हैं और हड्डियां कमजोर होते जाती हैं। ऐसा खासकर महिलाओं के साथ रजोनिवृत्ति के बाद होता है। इस स्थिति में फिश ऑयल सप्लीमेंट लेना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। फिश ऑयल सप्लीमेंट लेने से हड्डियों से जुड़ी समस्या खत्म हो जाती है। स्टडी में पाया गया कि रजोनिवृत होने वाली जिन महिलाओं में फैटी एसिड लेवल हाई था उनकी हड्डियां बाकी महिलाओं की तुलना में मजबूत थीं। और फिश ऑयल सप्लीमेंट में फैटी एसिड उचित मात्रा में होता है।
• 5
मूड बेहतर बनाए
रिसर्च में पाया गया कि रोजाना फिश ऑयल सप्लीमेंट लेने से मूड बेहतर रहता है। कई बार खाने में बहुत सारे पोषक-तत्व लेने से भी प्रचुर मात्रा में शरीर को पोषक-तत्व नहीं मिल पाता जिससे शरीर में हमेशा थकावट रहती है। साथ ही पोषक-तत्वों की कमी से इंसान हमेशा तनाव में भी रहता है। ऐसे में फिश ऑयल सप्लीमेंट इंसान में पोषक-तत्वों की कमी को पूरा कर उसे स्वस्थ बनाने में मदद करता है जिससे इंसान का मूड बेहतर बने रहता है।
Video Link :- https://youtu.be/OdnK1vAK3OQ
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अगर आप बॉडीबिल्डिंग के दौरान मशल्स को मजबूत बनाने के लिए कई सारे सप्लीमेंट ले रहे हैं तो केवल एक फिश ऑयल सप्लीमेंट लें। फिश ऑयल सप्लीमेंट के शरीर को मजबूत बनाने के अलावा कई सारे अन्य फायदे भी पहुंचाता है। इन फायदों के बारे में इस वीडियो में जानें। For More Visit https://www.healthsolution.co.in
• 1
फैट कम करें
फिश ऑयल खाने का सबसे अधिक फायदा है कि ये वजन घटाने में मदद करता है। कई रिपोर्ट्स में इस बात की पुष्टि हुई है कि फिश ऑयल में ऐसे सप्लीमेंट्स होते हैं जो बॉडीब्लिडंग के दौरान फैट कम करने में मदद करते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ आस्ट्रेलिया में हुई एक शोध के अनुसार प्रतिदिन छह ग्राम फिश ऑयल सप्लीमेंट लेने से 1.2 फीसदी फैट कम होता है। इस शोध में बॉडीबिल्डर के दो समूह पर शोध किया गया था। एक समूह हर रोज छह ग्राम फिश ऑयल सप्लीमेंट लेता था और दूसरा समूह फिश ऑयल सप्लीमेंट बिल्कुल नहीं लेता था। शोध के अंत में फिश ऑयल लेने वाले समूह में हर व्यक्ति का फैट लूज़ हुआ वहीं जिस समूह ने फिश ऑयल नहीं लिया उनमें फैट कमी करने में बिल्कुल कमी नहीं आई।
• 2
बीपी की समस्या दूर करे
बॉडीबिल्डर्स को सामान्य तौर पर हाई बीपी का खतरा होता है। ऐसा उनके बहुत अधिक हैवी वर्कआउट करने और बहुत अधिक red मीट व अंडा खाने के कारण होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ आस्ट्रेलिया में हुए शोध के अनुसार red मीट ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। बॉडीबल्डिर्स Red मीट प्रोटीन की खुराक लेने के लिए खाते हैं लेकिन ये कहीं ना कहीं उनमें बीपी की समस्या भी पैदा कर देता है। वहीं साइंटिफिक तौर पर ये साबित हुआ है कि फिश ऑयल सप्लीमेंट बीपी कम रखता है। लो बीपी स्वस्थ जीवन जीने में काफी जरूरी होता है। बीपी जितना कम होगा दिल से जुड़ी बीमारियां उतनी कम होगी।
• 3
कोलेस्ट्रॉल संतुलित करे
फिश ऑयल के सप्लीमेंट लेने से बल्ड कोलेस्ट्रॉल सामान्य रहता है। रोजाना 3-6 ग्राम फिश ऑयल लेने से एचडीएल और एलडीएल का अनुपात शरीर में संतुलित रहता है। लेकिन अगर आप फिश ऑयल सप्लीमेंट लेना शुरू कर रहे हैं तो अपने खाने में ताजे फल और हरी सब्जियां भी खाइए। इससे फिश ऑयल सप्लीमेंट के विटामिन्स को संतुलित करने में मदद मिलेगी।
• 4
हड्डियां मजबूत बनाएं
जैसे जैसे आप बड़े होते जाते हैं और उम्र बढ़ते जाती हैं वैसे वैसे हड्डियां घिसते जाती हैं और हड्डियां कमजोर होते जाती हैं। ऐसा खासकर महिलाओं के साथ रजोनिवृत्ति के बाद होता है। इस स्थिति में फिश ऑयल सप्लीमेंट लेना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। फिश ऑयल सप्लीमेंट लेने से हड्डियों से जुड़ी समस्या खत्म हो जाती है। स्टडी में पाया गया कि रजोनिवृत होने वाली जिन महिलाओं में फैटी एसिड लेवल हाई था उनकी हड्डियां बाकी महिलाओं की तुलना में मजबूत थीं। और फिश ऑयल सप्लीमेंट में फैटी एसिड उचित मात्रा में होता है।
• 5
मूड बेहतर बनाए
रिसर्च में पाया गया कि रोजाना फिश ऑयल सप्लीमेंट लेने से मूड बेहतर रहता है। कई बार खाने में बहुत सारे पोषक-तत्व लेने से भी प्रचुर मात्रा में शरीर को पोषक-तत्व नहीं मिल पाता जिससे शरीर में हमेशा थकावट रहती है। साथ ही पोषक-तत्वों की कमी से इंसान हमेशा तनाव में भी रहता है। ऐसे में फिश ऑयल सप्लीमेंट इंसान में पोषक-तत्वों की कमी को पूरा कर उसे स्वस्थ बनाने में मदद करता है जिससे इंसान का मूड बेहतर बने रहता है।
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Monday, 18 July 2016
क्या आप जानते है? आलू के छिलकों के ये अद्भुत प्रयोग
क्या आप जानते है? आलू के छिलकों के ये अद्भुत प्रयोग
1 . आलू के छिलके से पीतल के बर्तन रगड़ने से धुंए की कालिख उत्तर कर बर्तन चमक जाते है
2 . आलू के ताजा छिलके चेहरे पर मले लगातार प्रयोग करने से चेहरा दमकने लगता है
3 . आलू के छिलकों को तलकर नमक मिर्च डालकर खाये बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक सिद्ध होंगे
4 . आलू के छिलकों से आइना साफ कीजिये चमक उठेगा
5 . तंग मुंह का बर्तन अंदर से साफ करने के लिए आलू के छिलकों को पानी के साथ बर्तन में डालकर बर्तन को गर्म करें इससे बर्तन अंदर से साफ हो जायेगा
Video Link :- https://youtu.be/N_1l7CdiIYA
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1 . आलू के छिलके से पीतल के बर्तन रगड़ने से धुंए की कालिख उत्तर कर बर्तन चमक जाते है
2 . आलू के ताजा छिलके चेहरे पर मले लगातार प्रयोग करने से चेहरा दमकने लगता है
3 . आलू के छिलकों को तलकर नमक मिर्च डालकर खाये बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक सिद्ध होंगे
4 . आलू के छिलकों से आइना साफ कीजिये चमक उठेगा
5 . तंग मुंह का बर्तन अंदर से साफ करने के लिए आलू के छिलकों को पानी के साथ बर्तन में डालकर बर्तन को गर्म करें इससे बर्तन अंदर से साफ हो जायेगा
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Sunday, 17 July 2016
क्या हस्तमैथुन करना है हानिकारक….
क्या हस्तमैथुन करना है हानिकारक….
हस्तमैथुन को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं। कुछ लोगों का मानना है कि हस्तमैथुन से शरीर को नुकसान पहुंचता या फिर लिंग में पतलापन आता है। एक राय यह भी है कि हस्तमैथुन से शरीर में किसी भी तरह की कमजोरी नहीं आती। आइए जानते हैं हस्तमैथुन से जुड़े 15 तथ्य जो आपका भ्रम दूर करने में सहायक होंगे।
* हस्तमैथुन को लेकर पहला सवाल तो यही उठता है कि यह एक अप्राकृतिक क्रिया है। मगर चिकित्सकीय दृष्टि से देखें तो यह एक सामान्य प्राकृतिक क्रिया है। महर्षि वात्स्यायन ने भी आज से लगभग 1600 वर्ष पूर्व रचित अपने ग्रंथ 'कामसूत्र' में इसका जिक्र किया है। कामसूत्र के अनुसार हस्तमैथुन, मैथुन का ही एक प्रकार है। 'हस्त' यानी हाथ और 'मैथुन' यानी संभोग अर्थात हाथ के द्वारा किए जाने वाले मैथुन।
* हस्तमैथुन एक सामान्य क्रिया है अत: इसके हानिकारक या लाभदायक होने का प्रश्न ही नहीं उठता है। हस्तमैथुन पुरुष, स्त्री व जानवर तक करते हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
संभोग के दौरान पुरुष लिंग योनि मार्ग में जो क्रिया करता है, हस्तमैथुन के दौरान लिंग वही क्रिया हाथ में करता है। हस्तमैथुन करते वक्त हथेली योनि की शक्ल में मुड़ी होती है। उसमें लिंग के प्रवेश व निकास की क्रिया ठीक वैसी ही होती है, जैसे संभोग के दौरान योनि में।
* ऐसा भी भ्रम है कि हस्तमैथुन अगर कम उम्र (बचपन या किशोरावस्था) में किया जाए तो व्यक्ति कमजोर अथवा नपुंसक हो जाता है। हकीकत में हस्तमैथुन किसी भी उम्र में और किसी भी तरीके से किया जाए, इसका व्यक्ति के शरीर, सहवास क्षमता अथवा प्रजनन क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता।
दरअसल, यह अंधविश्वास नीम-हकीमों द्वारा प्रचारित है। वे कम उम्र से शुरू किए गए हस्तमैथुन को 'बचपन की गलती' कहकर प्रचारित करते हैं। उनका स्वार्थ है कि डरकर व्यक्ति उनके द्वारा बनाए गए विशेष 'नुस्खों' का सेवन करे। कई बार यह भी होता है कि व्यक्ति इन नीम-हकीमों के चक्कर में पड़कर जरूर अपना नुकसान कर लेता है।
* जैसे सहवास करने से नामर्दगी नहीं आती, ठीक उसी तरह हस्तमैथुन करने से भी नामर्दगी नहीं आती है। यह एक गलत धारणा है कि हस्तमैथुन करने से वीर्यनाश अथवा नामर्दगी हो जाती है।
* क्या हस्तमैथुन से शरीर में कमजोरी आती है? हकीकत में इस सवाल का कोई औचित्य ही नहीं है क्योंकि सर्वप्रथम तो यह जान लें कि अधिक हस्तमैथुन जैसी कोई चीज होती ही नहीं है। यह एक सामान्य क्रिया है।
हस्तमैथुन कब और कितनी बार करना चाहिए, इसका कोई नियम या कायदा नहीं है। जब व्यक्ति का मन हो और शरीर साथ दे, हस्तमैथुन या सहवास किया जा सकता है। इसका शरीर या गुप्तांगों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं होता है।
* ऐसा भी भ्रम है कि हस्तमैथुन से लिंग में टेढ़ापन आ जाता है, लेकिन लिंग में न तो हड्डियां होती हैं और न ही मांसपेशियां अत: लिंग में टेढ़ापन, तिरछापन अथवा ऊपर या नीचे की ओर झुकाव संभव नहीं है। हस्तमैथुन से ऐसा होने की बात भी भ्रामक प्रचार व नीम-हकीमों का डराने वाला हथियार है।
* दूसरी ओर जिस तरह सहवास करने से लिंग के विकास पर कोई भी विपरीत प्रभाव नहीं होता है, उसी तरह हस्तमैथुन से भी लिंग पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है।
* हस्तमैथुन से अंडकोष के विकास पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं होता। अंडकोष का विकास उसमें बनने वाले हारमोन पर निर्भर करता है, न कि हस्तमैथुन पर। हस्तमैथुन से अंडकोष के आकार पर कोई विपरीत असर नहीं होता। अंडकोष के शरीर से चिपके रहने अथवा लटककर दूर चले जाने का कारण बाहरी वातावरण के तापमान पर निर्भर करता है।
चूंकि शुक्राणुओं के पूर्ण विकास के लिए एक निश्चित तापमान जरूरी होता है अत: वातावरण में अधिक ठंडक होने पर अंडकोष शरीर के नजदीक आ जाते हैं। अधिक गरम वातावरण में शरीर से दूर होकर लटक जाते हैं।
* हस्तमैथुन करने से आंख के चारों ओर काले गोलाकार निशान, आंखों के नीचे झाइयां, चेहरे पर फुंसियां, झुर्रियां अथवा असमय बाल सफेद हो जाना अथवा टीबी जैसे रोग हो जाते हैं। यह भी भ्रम ही है। दरअसल, हस्तमैथुन से न तो आंखों के आसपास गोलाकर गड्ढे, झांइयां, चेहरे पर फुंसियां, झुर्रियां अथवा बालों का सफेद होना, टीबी इत्यादि कुछ भी नहीं होता है। ये सभी बातें महज अंधविश्वास एवं गलतफहमियां हैं।
* ऐसा भी कहा जाता है कि हस्तमैथुन करने से व्यक्ति को बुढ़ापा जल्दी आ जाता है। यह भी सच नहीं है। हस्तमैथुन अथवा सहवास का बुढ़ापे या जल्दी बुढ़ापा आने से कोई संबंध नहीं है। अगर यह बात सही होती तो लगभग 99% व्यक्ति दुनिया में वृद्ध ही दिखते!
* हस्तमैथुन कोई भी व्यक्ति, किसी भी उम्र में, किसी भी परिस्थिति में कर सकता है। एक बच्चे से लेकर अधेड़ उम्र तक के व्यक्ति द्वारा हस्तमैथुन करना प्राकृतिक प्रक्रिया है। हस्तमैथुन करना अथवा नहीं, व्यक्ति के मानसिक विकास अथवा परिपक्वता का पैमाना नहीं है।
* हस्तमैथुन करने से जल्दी स्खलित हो जाने की बात भी सही नहीं है। सामान्यत: हस्तमैथुन से जल्दी वीर्य स्खलन का कोई संबंध नहीं है। हस्तमैथुन के अंत में चरम सुख की अनुभूति होती है। वीर्य निकलने से व्यक्ति को यह आनंद मिलता है। सच्चाई यह है कि इस आनंद का एहसास जल्द से जल्द महसूस करने की मंशा से वीर्य का स्खलन जल्द करने की चाह या आदत बन जाती है।
* पुरुष ही नहीं स्त्रियां भी हस्तमैथुन करती हैं। स्त्रियां भग्नासा को सहलाकर अथवा अंगुली या अन्य किसी वस्तु जैसे तकिया, बिस्तर के कोने इत्यादि से रगड़कर अथवा योनि में अंगुली या अन्य कोई वस्तु के मूवमेंट से हस्तमैथुन करती हैं।
स्त्रियों को भी हस्तमैथुन से वैसा ही चरम सुख का अनुभव होता है, जैसा कि पुरुषों को। फर्क सिर्फ इतना है कि स्त्रियों के शरीर से वीर्य जैसी कोई वस्तु स्खलित नहीं होती है।
Video Link :- https://youtu.be/Sh4GtNxNn18
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हस्तमैथुन को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं। कुछ लोगों का मानना है कि हस्तमैथुन से शरीर को नुकसान पहुंचता या फिर लिंग में पतलापन आता है। एक राय यह भी है कि हस्तमैथुन से शरीर में किसी भी तरह की कमजोरी नहीं आती। आइए जानते हैं हस्तमैथुन से जुड़े 15 तथ्य जो आपका भ्रम दूर करने में सहायक होंगे।
* हस्तमैथुन को लेकर पहला सवाल तो यही उठता है कि यह एक अप्राकृतिक क्रिया है। मगर चिकित्सकीय दृष्टि से देखें तो यह एक सामान्य प्राकृतिक क्रिया है। महर्षि वात्स्यायन ने भी आज से लगभग 1600 वर्ष पूर्व रचित अपने ग्रंथ 'कामसूत्र' में इसका जिक्र किया है। कामसूत्र के अनुसार हस्तमैथुन, मैथुन का ही एक प्रकार है। 'हस्त' यानी हाथ और 'मैथुन' यानी संभोग अर्थात हाथ के द्वारा किए जाने वाले मैथुन।
* हस्तमैथुन एक सामान्य क्रिया है अत: इसके हानिकारक या लाभदायक होने का प्रश्न ही नहीं उठता है। हस्तमैथुन पुरुष, स्त्री व जानवर तक करते हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
संभोग के दौरान पुरुष लिंग योनि मार्ग में जो क्रिया करता है, हस्तमैथुन के दौरान लिंग वही क्रिया हाथ में करता है। हस्तमैथुन करते वक्त हथेली योनि की शक्ल में मुड़ी होती है। उसमें लिंग के प्रवेश व निकास की क्रिया ठीक वैसी ही होती है, जैसे संभोग के दौरान योनि में।
* ऐसा भी भ्रम है कि हस्तमैथुन अगर कम उम्र (बचपन या किशोरावस्था) में किया जाए तो व्यक्ति कमजोर अथवा नपुंसक हो जाता है। हकीकत में हस्तमैथुन किसी भी उम्र में और किसी भी तरीके से किया जाए, इसका व्यक्ति के शरीर, सहवास क्षमता अथवा प्रजनन क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता।
दरअसल, यह अंधविश्वास नीम-हकीमों द्वारा प्रचारित है। वे कम उम्र से शुरू किए गए हस्तमैथुन को 'बचपन की गलती' कहकर प्रचारित करते हैं। उनका स्वार्थ है कि डरकर व्यक्ति उनके द्वारा बनाए गए विशेष 'नुस्खों' का सेवन करे। कई बार यह भी होता है कि व्यक्ति इन नीम-हकीमों के चक्कर में पड़कर जरूर अपना नुकसान कर लेता है।
* जैसे सहवास करने से नामर्दगी नहीं आती, ठीक उसी तरह हस्तमैथुन करने से भी नामर्दगी नहीं आती है। यह एक गलत धारणा है कि हस्तमैथुन करने से वीर्यनाश अथवा नामर्दगी हो जाती है।
* क्या हस्तमैथुन से शरीर में कमजोरी आती है? हकीकत में इस सवाल का कोई औचित्य ही नहीं है क्योंकि सर्वप्रथम तो यह जान लें कि अधिक हस्तमैथुन जैसी कोई चीज होती ही नहीं है। यह एक सामान्य क्रिया है।
हस्तमैथुन कब और कितनी बार करना चाहिए, इसका कोई नियम या कायदा नहीं है। जब व्यक्ति का मन हो और शरीर साथ दे, हस्तमैथुन या सहवास किया जा सकता है। इसका शरीर या गुप्तांगों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं होता है।
* ऐसा भी भ्रम है कि हस्तमैथुन से लिंग में टेढ़ापन आ जाता है, लेकिन लिंग में न तो हड्डियां होती हैं और न ही मांसपेशियां अत: लिंग में टेढ़ापन, तिरछापन अथवा ऊपर या नीचे की ओर झुकाव संभव नहीं है। हस्तमैथुन से ऐसा होने की बात भी भ्रामक प्रचार व नीम-हकीमों का डराने वाला हथियार है।
* दूसरी ओर जिस तरह सहवास करने से लिंग के विकास पर कोई भी विपरीत प्रभाव नहीं होता है, उसी तरह हस्तमैथुन से भी लिंग पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है।
* हस्तमैथुन से अंडकोष के विकास पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं होता। अंडकोष का विकास उसमें बनने वाले हारमोन पर निर्भर करता है, न कि हस्तमैथुन पर। हस्तमैथुन से अंडकोष के आकार पर कोई विपरीत असर नहीं होता। अंडकोष के शरीर से चिपके रहने अथवा लटककर दूर चले जाने का कारण बाहरी वातावरण के तापमान पर निर्भर करता है।
चूंकि शुक्राणुओं के पूर्ण विकास के लिए एक निश्चित तापमान जरूरी होता है अत: वातावरण में अधिक ठंडक होने पर अंडकोष शरीर के नजदीक आ जाते हैं। अधिक गरम वातावरण में शरीर से दूर होकर लटक जाते हैं।
* हस्तमैथुन करने से आंख के चारों ओर काले गोलाकार निशान, आंखों के नीचे झाइयां, चेहरे पर फुंसियां, झुर्रियां अथवा असमय बाल सफेद हो जाना अथवा टीबी जैसे रोग हो जाते हैं। यह भी भ्रम ही है। दरअसल, हस्तमैथुन से न तो आंखों के आसपास गोलाकर गड्ढे, झांइयां, चेहरे पर फुंसियां, झुर्रियां अथवा बालों का सफेद होना, टीबी इत्यादि कुछ भी नहीं होता है। ये सभी बातें महज अंधविश्वास एवं गलतफहमियां हैं।
* ऐसा भी कहा जाता है कि हस्तमैथुन करने से व्यक्ति को बुढ़ापा जल्दी आ जाता है। यह भी सच नहीं है। हस्तमैथुन अथवा सहवास का बुढ़ापे या जल्दी बुढ़ापा आने से कोई संबंध नहीं है। अगर यह बात सही होती तो लगभग 99% व्यक्ति दुनिया में वृद्ध ही दिखते!
* हस्तमैथुन कोई भी व्यक्ति, किसी भी उम्र में, किसी भी परिस्थिति में कर सकता है। एक बच्चे से लेकर अधेड़ उम्र तक के व्यक्ति द्वारा हस्तमैथुन करना प्राकृतिक प्रक्रिया है। हस्तमैथुन करना अथवा नहीं, व्यक्ति के मानसिक विकास अथवा परिपक्वता का पैमाना नहीं है।
* हस्तमैथुन करने से जल्दी स्खलित हो जाने की बात भी सही नहीं है। सामान्यत: हस्तमैथुन से जल्दी वीर्य स्खलन का कोई संबंध नहीं है। हस्तमैथुन के अंत में चरम सुख की अनुभूति होती है। वीर्य निकलने से व्यक्ति को यह आनंद मिलता है। सच्चाई यह है कि इस आनंद का एहसास जल्द से जल्द महसूस करने की मंशा से वीर्य का स्खलन जल्द करने की चाह या आदत बन जाती है।
* पुरुष ही नहीं स्त्रियां भी हस्तमैथुन करती हैं। स्त्रियां भग्नासा को सहलाकर अथवा अंगुली या अन्य किसी वस्तु जैसे तकिया, बिस्तर के कोने इत्यादि से रगड़कर अथवा योनि में अंगुली या अन्य कोई वस्तु के मूवमेंट से हस्तमैथुन करती हैं।
स्त्रियों को भी हस्तमैथुन से वैसा ही चरम सुख का अनुभव होता है, जैसा कि पुरुषों को। फर्क सिर्फ इतना है कि स्त्रियों के शरीर से वीर्य जैसी कोई वस्तु स्खलित नहीं होती है।
Video Link :- https://youtu.be/Sh4GtNxNn18
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Saturday, 16 July 2016
रोज एक चम्मच जीरे के सेवन से तीन गुना तेजी से कम होता है फैट | Fast Weig...
रोज एक चम्मच जीरे के सेवन से तीन गुना तेजी से कम होता है फैट!
वजन कम करना एक समस्या की तरह है।
जीरे का सेवन रोज करने से घटता है वजन।
यह फैट के अवशोषण को बाधित करता है।
जीरे के सेवन से पाचनतंत्र होता है दुरूस्त।
● जीरा, एक ऐसा मसाला है जो खाने में बेहतरीन स्वाद और खुशबू देता है। इसकी उपयोगिता केवल खाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके कई स्वारस्थ्वय लाभ भी हैं। कई रोगों में दवा के रूप में इसका इस्तेएमाल किया जाता है। जीरे में मैंगनीज, लौह तत्व, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है। इसे मेक्सीको, इंडिया और नार्थ अमेरिका में बहुत उपयोग किया जाता है। इसकी सबसे खासियत यह है कि यह वजन तेजी से कम करता है। इस video ke dwara विस्तारर से जानिये कैसे जीरे के सेवन से कम होता है वजन।
》 जीरा खाएं मोटापा घटाएं
वजन कम करने के लिए भी जीरा बहुत उपयोगी होता है। एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि जीरा पाउडर, के सेवन से शरीर मे वसा का अवशोषण कम होता है जिससे स्वाभाविक रूप से वजन कम करनें में मदद मिलती है। एक बड़ा चम्मच जीरा एक गिलास पानी मे भिगो कर रात भर के लिए रख दें। सुबह इसे उबाल लें और गर्म-गर्म चाय की तरह पिये। बचा हुआ जीरा भी चबा लें।
इसके रोजाना सेवन से शरीर के किसी भी कोने से अनावश्यक चर्बी शरीर से बाहर निकल जाता है। इस बात का विशेष ध्यान रखे की इस चूर्ण को लेने के बाद 1 घंटे तक कुछ न खायें। भुनी हुई हींग, काला नमक और जीरा समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, इसे 1-3 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार दही के साथ लेने से भी मोटापा कम होता है। इसके सेवन से न केवल शरीर से अनावश्यक चर्बी दूर हो जाती है बल्कि शरीर में रक्त का परिसंचरण भी तेजी से होता है। और कोलेस्ट्रॉील भी घटता है।
》 इन बातों का भी रखें ध्यान
1) इस दवाई को लेने के बाद रात्रि में कोई दूसरी खाद्य-सामग्री नहीं खाएं। यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है, तम्बाकू-गुटखा खाता या मांसाहार करता है तो उसे यह चीजें छोड़ने पर ही दवा फायदा पहुचाएंगी। शाम का भोजन करने के कम-से-कम दो घंटे बाद दवाई लेनी है।
2) जीरा हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाकर हमें ऊर्जावान रखता है। साथ ही यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी बढ़ता है। इससे ऊर्जा का स्तर भी बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म का स्तर भी तेज होता है। हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के साथ-साथ फैट बर्न की गति को भी बढ़ाता है। पेट से सबंधित सभी तरह की समस्याओं में जीरे का सेवन लाभकारी है।
3) जीरे का नियमित इस्तेमाल शरीर की शोधन की प्रक्रिया को तेज करता है। मोटापा कम करने के अलावा भी जीरा कई तरह की बीमारियों में लाभदायक है।
Video Link :- https://youtu.be/oZH5TFUhPg0
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